आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह हरियाणा विधानसभा के सबसे बड़े डिफॉल्टर रहे है।
आरटीआई से पता चला है कि उन्होंने लाखों के दो लोन नहीं चुकाए। बीरेंद्र सिंह ने ये लोन घर और कार खरीदने के लिए लिए थे। ये लोन भी उन्हें बाजार भाव से बहुत कम सिर्फ 4 फीसदी के ब्याज पर मिल गए थे।
आरटीआई कार्यकर्ता नरेश कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले आरटीआई के माध्यम से यह जानने की कोशिश की थी कि कौन सा विधायक विधनसभा से डिफॉल्टर है। आरटीआई के जवाब में में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
चौधरी बीरेंद्र सिंह ही वह मंत्री हैं जो कुछ दिन पहले 9 लाख की घड़ी और 45 हजार के जूते पहनकर डींगे हांक रहे थे। वह 42 साल तक कांग्रेस में रहे हैं लेकिन बीते लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में आ गए और उन्हें मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
आरटीआई से खुलासे के मुताबिक उचाना कलां से विधायक रह चुके बीरेंद्र सिंह ने घर बनवाने के लिए साल 2009 में 12,50,000 का लोन लिया था। ब्याज समेत बैंक के अब तक 15,33,065 रुपए बकाया हैं। इसके अलावा उन्होंने 2007 में कार खरीदने के लिए 10 लाख रुपये का लोन लिया। इस लोन पर अभी 8,90,000 रुपये चुकाने बाकी हैं।
हालांकि इस सूची में कभी छत्रपाल सिंह बरवाला से रणधीर सिंह और बच्चन सिंह आर्य से लेकर करीब 13 डिफॉल्टर विधायकों का खुलासा हुआ है। सरकारी पेंशने लेने और कम ब्याज पर लोन लेने के बावजूद उन्होंने लोन नहीं चुकाया
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