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Friday, July 17, 2015
भूमि अधिग्रहण बिल पास नहीं होने देंगे. मोदी जी की 56 इंच की छाती 5.6 इंच कीछाती हो जाएगी.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज जयपुरमें कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा है, 'संसद में भूमि अधिग्रहण बिल पास नहीं होने देंगे. मोदी जी की 56 इंच की छाती 5.6 इंच कीछाती हो जाएगी.'राहुल ने कहा, 'यहां राहुल गांधीनहीं बोल रहा, देश की जनता कह रही है.हिंदुस्तान के किसान, कांग्रेस और हमारी जनता 56 इंच की छाती को 5.6इंच की छाती बना देगी. एक इंच जमीन नहीं देंगे, देख लेना आप.'राहुल गांधी ने यहा राजस्थान की बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, 'राजस्थान सरकार का रिमोट कंट्रोल लंदन में है. उधर वो बटन दबाते हैं और इधर ये उछलती हैं. राजस्थान मेंन बीजेपी की सरकारहै न वसुंधरा की, यहां ललित मोदी कीसरकार है.'यहां राहुल ने प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए कहाकि पीएम ने 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' का नारा दिया था. अब ललित मोदी को लंदन से वापस बुलाएं.सरकार पर करारा हमला करते हुए राहुल ने कहा, 'छत्तीसगढ़ में धान सरकार, एमपी में व्यापम सरकार,महाराष्ट्र में मुंडे सरकार और राजस्थान में ललित मोदी सरकार है.'यहां आमिर खान की फिल्म लगान का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, 'सालों पहले मैंनेएक पिक्चर देखी, 'लगान' पिक्चर, उसमें हिदुस्तान के किसानो के बारेमें बात हुई. 'लगान' में टैक्स के बारे में बात हुई, किसानों का जो खून-पसीना था, उसका सही दाम नहींमिल रहा था. पहले वह अलग अलग थे, फिरवह एक साथ अफसरों से लड़ गए. अफसरों के दिमाग में दूसरी बात थी, की मेरा रिमोट कंट्रोल तो लंदन में है, जैसे आज राजस्थान सरकार का रिमोट कंट्रोल लंदन में है.'
दुर्ग लोक सभा सांसद श्री ताम्रध्वज साहू जी के दिल्ली निवास में गृह प्रवेश के दौरान पूजा अर्चना की गई।
इस अवसर पर उनके परिवार के सदस्य एवं जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष श्री हेमंत बंजारे जी श्री आशीष अग्रवाल जी विशेष रूप से उपस्तिथ थे।
Thursday, July 16, 2015
विजय माल्या ने ‘वक्फ़ बोर्ड’ की ज़मीन पर अवैध रूप से लगाई शराब फैक्ट्री-नोटिस जारी
विजय माल्या ने ‘वक्फ़ बोर्ड’ की ज़मीन पर अवैध रूप से लगाई शराब फैक्ट्री-नोटिस जारी
लखनऊ।लिकर किंग विजय माल्या की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।अभी तक उनकी एयर लाइंस कंपनी किंगफिशर ही डूबी थी।अब यूपी के शिया वक्फ बोर्ड ने लिकर किंग को वक्फ की जमीन खाली करने के लिए लीगल नोटिस भेजा है।बोर्ड का कहना है कि मेरठ में वक्फ की जमीन को अवैध रूप से विजय माल्या को बेचा गया।जिस पर अब शराब की फैक्ट्री लगी हुई है।मामले में विजय माल्या को नोटिस भेजकर 10 अगस्त को बोर्ड में तलब किया गया है।मेरठ में अवैध रूप से दी गई जमीन पर लगी विजय माल्या की शराब फैक्ट्री की शिकायत मेरठ के ही मुतल्वी ने की थी।इसकी जांच में पाया गया कि वक्फ की जमीन पर विजय माल्या की शराब फैक्ट्री का अवैध कब्जा है।अब उसे हटाने के लिए लिकर किंग को कानूनी नोटिस भेजा गया है।नोटिस लिकर किंग विजय माल्या के बंगलुरू पते के साथ-साथ दुबई के पते पर भी भेजा गया है।
क्या है मामला-शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी का कहना है कि मेरठ के अब्दुल्लापुर में सैयद मोहम्मद की संपत्ति थी।जिसे उन्होंने 26 अप्रैल 1918 में वक्फ के नाम रजिस्टर्ड कर दिया था।सैयद मोहम्मद के बेटे मंजूर अहमद ने 20 अप्रैल 1937 को फैक्ट्री सेंट्रल डिस्टलरी एंड कैमिकल वर्क्स को 50 साल की लीज पर दिया था।यह लीज वक्फ नामे के अनुसार गलत थी। बाद में सेंट्रल डिस्टलरी एंड कैमिकल वर्क्स ने गलत तरीके से संपत्ति विजय माल्या को बेच दी।अब वहां पर यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री लगाकर शराब बनाई जाती है।
कहां है यह फैक्ट्री-शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बताया कि लिकर किंग विजय माल्या की यह शराब फैक्ट्री मेरठ के कंकरखेड़ा उर्फ खुर्रमनगर में स्थापित है।यह संपत्ति वक्फ की है।फैक्ट्री अभी चालू हालत में है जिसे खाली कराना है। नोटिस में शिया वक्फ बोर्ड ने आदेश दिया है कि विजय माल्या मामले में अपना पक्ष रखने के लिए संबंधित सभी अभिलेखों के साथ 10 अगस्त को बोर्ड के सामने हाजिर हो।यदि माल्या ऐसा नहीं करते हैं तो बोर्ड के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की दशा में नियमानुसार एकपक्षीय कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।
कैसे चला पता-अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि बार-बार आगाह करने के बावजूद जमीन नहीं खाली की गई।इसलिए वहां के मुतल्वी ने बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई।इसके बाद जांच की गई तो मामला सही पाया गया और विजय माल्या को कानूनी नोटिस भेजा गया।अब दस अगस्त को उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
लखनऊ।लिकर किंग विजय माल्या की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।अभी तक उनकी एयर लाइंस कंपनी किंगफिशर ही डूबी थी।अब यूपी के शिया वक्फ बोर्ड ने लिकर किंग को वक्फ की जमीन खाली करने के लिए लीगल नोटिस भेजा है।बोर्ड का कहना है कि मेरठ में वक्फ की जमीन को अवैध रूप से विजय माल्या को बेचा गया।जिस पर अब शराब की फैक्ट्री लगी हुई है।मामले में विजय माल्या को नोटिस भेजकर 10 अगस्त को बोर्ड में तलब किया गया है।मेरठ में अवैध रूप से दी गई जमीन पर लगी विजय माल्या की शराब फैक्ट्री की शिकायत मेरठ के ही मुतल्वी ने की थी।इसकी जांच में पाया गया कि वक्फ की जमीन पर विजय माल्या की शराब फैक्ट्री का अवैध कब्जा है।अब उसे हटाने के लिए लिकर किंग को कानूनी नोटिस भेजा गया है।नोटिस लिकर किंग विजय माल्या के बंगलुरू पते के साथ-साथ दुबई के पते पर भी भेजा गया है।
क्या है मामला-शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी का कहना है कि मेरठ के अब्दुल्लापुर में सैयद मोहम्मद की संपत्ति थी।जिसे उन्होंने 26 अप्रैल 1918 में वक्फ के नाम रजिस्टर्ड कर दिया था।सैयद मोहम्मद के बेटे मंजूर अहमद ने 20 अप्रैल 1937 को फैक्ट्री सेंट्रल डिस्टलरी एंड कैमिकल वर्क्स को 50 साल की लीज पर दिया था।यह लीज वक्फ नामे के अनुसार गलत थी। बाद में सेंट्रल डिस्टलरी एंड कैमिकल वर्क्स ने गलत तरीके से संपत्ति विजय माल्या को बेच दी।अब वहां पर यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री लगाकर शराब बनाई जाती है।
कहां है यह फैक्ट्री-शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बताया कि लिकर किंग विजय माल्या की यह शराब फैक्ट्री मेरठ के कंकरखेड़ा उर्फ खुर्रमनगर में स्थापित है।यह संपत्ति वक्फ की है।फैक्ट्री अभी चालू हालत में है जिसे खाली कराना है। नोटिस में शिया वक्फ बोर्ड ने आदेश दिया है कि विजय माल्या मामले में अपना पक्ष रखने के लिए संबंधित सभी अभिलेखों के साथ 10 अगस्त को बोर्ड के सामने हाजिर हो।यदि माल्या ऐसा नहीं करते हैं तो बोर्ड के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की दशा में नियमानुसार एकपक्षीय कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।
कैसे चला पता-अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि बार-बार आगाह करने के बावजूद जमीन नहीं खाली की गई।इसलिए वहां के मुतल्वी ने बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई।इसके बाद जांच की गई तो मामला सही पाया गया और विजय माल्या को कानूनी नोटिस भेजा गया।अब दस अगस्त को उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
लोन चुकाना भूल गए मोदी सरकार के ये मंत्री, RTI में हुआ खुलासा
आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह हरियाणा विधानसभा के सबसे बड़े डिफॉल्टर रहे है।
आरटीआई से पता चला है कि उन्होंने लाखों के दो लोन नहीं चुकाए। बीरेंद्र सिंह ने ये लोन घर और कार खरीदने के लिए लिए थे। ये लोन भी उन्हें बाजार भाव से बहुत कम सिर्फ 4 फीसदी के ब्याज पर मिल गए थे।
आरटीआई कार्यकर्ता नरेश कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले आरटीआई के माध्यम से यह जानने की कोशिश की थी कि कौन सा विधायक विधनसभा से डिफॉल्टर है। आरटीआई के जवाब में में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
चौधरी बीरेंद्र सिंह ही वह मंत्री हैं जो कुछ दिन पहले 9 लाख की घड़ी और 45 हजार के जूते पहनकर डींगे हांक रहे थे। वह 42 साल तक कांग्रेस में रहे हैं लेकिन बीते लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में आ गए और उन्हें मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
आरटीआई से खुलासे के मुताबिक उचाना कलां से विधायक रह चुके बीरेंद्र सिंह ने घर बनवाने के लिए साल 2009 में 12,50,000 का लोन लिया था। ब्याज समेत बैंक के अब तक 15,33,065 रुपए बकाया हैं। इसके अलावा उन्होंने 2007 में कार खरीदने के लिए 10 लाख रुपये का लोन लिया। इस लोन पर अभी 8,90,000 रुपये चुकाने बाकी हैं।
हालांकि इस सूची में कभी छत्रपाल सिंह बरवाला से रणधीर सिंह और बच्चन सिंह आर्य से लेकर करीब 13 डिफॉल्टर विधायकों का खुलासा हुआ है। सरकारी पेंशने लेने और कम ब्याज पर लोन लेने के बावजूद उन्होंने लोन नहीं चुकाया
Monday, July 13, 2015
listened to street vendors in Raghubir Nagar earlier this morning.
जो गरीब लोग है, उनको दबाया जा रहा है। पहले यहाँ इनके पास Shed हुआ करते थे, वह Shed इनसे छीन लिए गए है: अब आपने कहा की मुझे कुछ करना है, आपने Order दे दिया है, तो हम कुछ रास्ता निकालेंगे। दबाव डालेंगे..
नहीं बदली तस्वीर मोदी सरकार ने पानी की तरह बहाया पैसा
मोदी सरकार की महत्व कांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान के विज्ञापन पर पानी की तरह पैसा बहाए जाने के बावजूद जमीन पर इसका असर नजर नहीं आ रहा। सरकार योजना के तहत गांवों में भले ही टॉयलेट बनाने के दावे कर रही हो लेकिन शहरों में जमीनी हालत जस के तस हैं।
मोदी सरकार ने दो अक्टूबर को इस योजना का ऐलान किया था और उसके बाद योजना के विज्ञापन पर ही 94 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन जमीनी हालात अभी भी नहीं बदले हैं। इस योजना के तहत दो लाख करोड़ रुपए खर्च कर के 12 करोड़ टायलेट बनाने का लक्षय रखा गया है ,हालंकि ग्रामीण इलाकों में टॉयलेट निर्माण की गति तो ठीक है और पिछले साल के मधय इस योजना के तहत तीस लाख से जयदा टॉयलेट बना लिए गए थे लेकिन शहरों में सफाई के हालात नहीं बदले हैं।
हालांकि मीडिया ने भी प्रधानमंत्री की इस योजना में बढ़ चढ़ कर भाग लिया और आम जनता को सफाई की तरफ ध्यान देने की ताकीद की लेकिन देश के शहरों में डस्टन बीन्ज की कमी के कारन प्रधान मंत्री की यह योजना खटाई में पड़ती लग रही है। इतना ही नहीं प्रधान मंत्री की अन्य योजनाओं पर भी पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है।
मोदी सरकार की शुरू की गई बड़ी योजनाओं में जनधन योजना, एलपीजी सब्सिडी छोडऩे की योजना, प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, अटल पेंशन योजना, योग दिवस, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं पर इस साल मार्च तक ही 780 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इनमे से 260 करोड़ रुपए के विज्ञापन प्रिंट मीडिया को जारी हुए जबकि रेडियो और टी वी को 451 करोड़ रुपए के विज्ञापन जारी किये गए। सरकार ने आउट डोर प्रचार के लिए 69 करोड़ रुपए की रकम खर्च की है लेकिन इसके बावजूद तस्वीर बदलती नजर नहीं आ रही।
#RahulGandhi #RG #RamanSingh #RamanSarkar#NarendraModi #INC #IYC #NSUI #INTUC#WithCongress #Congress #BJP #NDA #UPA#SoniaGandhi #News #Kisan #Labour #Farmer #Korba#Janjgir #Chapa #Chhattisgarh #India
मोदी सरकार ने दो अक्टूबर को इस योजना का ऐलान किया था और उसके बाद योजना के विज्ञापन पर ही 94 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन जमीनी हालात अभी भी नहीं बदले हैं। इस योजना के तहत दो लाख करोड़ रुपए खर्च कर के 12 करोड़ टायलेट बनाने का लक्षय रखा गया है ,हालंकि ग्रामीण इलाकों में टॉयलेट निर्माण की गति तो ठीक है और पिछले साल के मधय इस योजना के तहत तीस लाख से जयदा टॉयलेट बना लिए गए थे लेकिन शहरों में सफाई के हालात नहीं बदले हैं।
हालांकि मीडिया ने भी प्रधानमंत्री की इस योजना में बढ़ चढ़ कर भाग लिया और आम जनता को सफाई की तरफ ध्यान देने की ताकीद की लेकिन देश के शहरों में डस्टन बीन्ज की कमी के कारन प्रधान मंत्री की यह योजना खटाई में पड़ती लग रही है। इतना ही नहीं प्रधान मंत्री की अन्य योजनाओं पर भी पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है।
मोदी सरकार की शुरू की गई बड़ी योजनाओं में जनधन योजना, एलपीजी सब्सिडी छोडऩे की योजना, प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, अटल पेंशन योजना, योग दिवस, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं पर इस साल मार्च तक ही 780 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इनमे से 260 करोड़ रुपए के विज्ञापन प्रिंट मीडिया को जारी हुए जबकि रेडियो और टी वी को 451 करोड़ रुपए के विज्ञापन जारी किये गए। सरकार ने आउट डोर प्रचार के लिए 69 करोड़ रुपए की रकम खर्च की है लेकिन इसके बावजूद तस्वीर बदलती नजर नहीं आ रही।
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व्यापमः गवर्नर के जवाब बढ़ाएंगे शिवराज की मुश्किलें..
व्यापम घोटाले की सीबीआई जांच मंजूर होने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही राहत महसूस करने का दावा किया हो लेकिन एक पेंच ऐसा है जिसकी वजह से उनकी दिक्कतों का वजन अभी कम नहीं हुआ है।
भाजपा और शिवराज के नजदीकी लोगों को अब यह डर सता रहा है कि राज्यपाल रामनरेश यादव सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए जाने वाले जवाब में कहीं ऐसे सवालों अथवा मुद्दों का जिक्र न कर दें, जिनसे बवाल खड़ा हो जाए।
यदि ऐसा हुआ तो वाकई मुख्यमंत्री शिवराज एवं भाजपा के लिए नई मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। लिहाजा भाजपा की नजर राज्यपाल के रुख पर जम गई है।
IAS, IPS और जजों ने भी खरीदी थी मेडिकल की सीट....LO KAR LO BAAT.....
मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापम घोटाले के बाद वहां एक और बड़े घोटाले की परतें उधड़नी शुरू हो गई हैं। मामले का खुलासा करने वाले एक व्हिसलब्लोअर ने दावा किया कि इस नए घोटाले में आईएएस आईपीएस और विभिन्न अदालतों के जज ने अपने बेटे बेटियों के लिए व्यापम के तहत प्राइवेट मेडिकल कालेजों में सीट पक्की की।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार व्यापम के बाद यह घोटाला भी प्रदेश में बड़ा स्तर पर चल रहा था, बताया जा रहा है इसके भी तार व्यापम घोटाले से जुड़े हुए थे।
व्यापम मामले में सीबीआई जांच की मांग करने वाले व्हिसलब्लोअर इन जजों और नौकरशाहों के नाम सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश कर प्रदेश के डेंटल एंड मेडिकल एडमिशन टेस्ट (DMAT) की भी व्यापक जांच की मांग कर सकते हैं।
Sunday, July 12, 2015
लो देख लो भाई एक पापी दूसरा पापी के पास हा हा हा ..B J P के पापी नेता दुष्कर्म कर ने बाला एक से बढ़कर एक है..
मार ही डाला गया आसाराम प्रकरण का मुख्य गवाह
दुष्कर्म के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम के केस के मुख्य गवाह कृपाल सिंह की शनिवार रात मौत हो गई। उन्हें शुक्रवार रात घर लौटते समय अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी थी।
हालत बिगड़ने पर उन्हें शुक्रवार देर रात ही बरेली के मिशन हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया था, जहां उनकी मौत हो गई। कृपाल की पीठ में गोली मारी गई थी, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसी के चलते घटना के तत्काल बाद उनके दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और वह वेंटिलेटर पर थे।
मृत्यु पूर्व बयान में उन्होंने आसाराम के तीन गुर्गों पर हमले का शक जताया था, जो उन्हें कई बार धमकी दे चुके थे। आसाराम मामले से जुड़े यह तीसरे गवाह की हत्या है। इससे पहले बरेली के मिशन हॉस्पिटल में भर्ती कृपाल की गोली निकाली जा चुकी थी, मगर उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। शनिवार को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बरेली और..
Saturday, July 11, 2015
विधायक अरुण वोरा ने देखी सड़कों की दुर्दशा
पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के इंजीनियरों को दिए निर्देश
दुर्ग 10 जुलाई। पोटिया चौक से पोटिया बस्ती तक और बोरसी रोड की हालत इस बरसात में और भी खराब हो गई है। इन दोनों सड़कों पर लोगों का पैदल चल पाना भी मुहाल हो गया है। रोड में जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं और रोड किनारों से कट गई है। जिसकी वजह से आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। खासतौर पर स्कूली छात्र-छात्राओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अक्सर वे सायकल से गिर जाते हैं। जिसकी वजह उनकी स्कूल ड्रेस और बस्ते खराब हो जाते हैं। आज उस समय हद हो गई जब दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा इस मार्ग से गुजरे तो पोटिया स्थित शासकीय प्राथमिक शाला से 50-60 छोटे बच्चों ने उनका रास्ता रोक लिया और उनसे शिकायत की कि इस मार्ग की जर्जर स्थिति के कारण उनका स्कूल आना-जाना मुश्किल हो गया है। वे जल्द से जल्द इस मार्ग को ठीक कराएं। इस पर विधायक अरुण वोरा ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे जल्द से जल्द इस सड़क का संधारण कराएंगे। उन्होंने मौके से ही लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एसएस मांझी से इस बारे में चर्चा की। जिन्होंने कहा कि एक-दो दिनों के भीतर ही सड़क के गड्ढों को भरकर मार्ग का मरम्मतीकरण कर दिया जाएगा। दीपावली के बाद सड़क के डामरीकरण का काम शुरु कर दिया जाएगा। इस बारे में पीडब्ल्यूडी में बजट आ चुका है। इसी तरह बोरसी व्यापारियों ने विधायक अरुण वोरा से वहां की सड़क की दुर्दशा के बारे में चर्चा की और उन्हें सड़क की स्थिति से अवगत कराया। विधायक अरुण वोरा के साथ नगर निगम के इंजीनियर एआर रहडाल भी थे। जिन्होंने एक-दो दिन के भीतर ही सड़क का मरम्मतीकरण कराने की बात कही। इस दौरान श्री वोरा के साथ नेता प्रतिपक्ष राजेश शर्मा, कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता देवकुमार जंघेल, पार्षदगण लीलाधर पाल, अनुप चंदानिया, भास्कर कुंडले, निगम के सब इंजीनियर ए. आर. रहंगडाले आदि उपस्थित थे।
दुर्ग 10 जुलाई। पोटिया चौक से पोटिया बस्ती तक और बोरसी रोड की हालत इस बरसात में और भी खराब हो गई है। इन दोनों सड़कों पर लोगों का पैदल चल पाना भी मुहाल हो गया है। रोड में जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं और रोड किनारों से कट गई है। जिसकी वजह से आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। खासतौर पर स्कूली छात्र-छात्राओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अक्सर वे सायकल से गिर जाते हैं। जिसकी वजह उनकी स्कूल ड्रेस और बस्ते खराब हो जाते हैं। आज उस समय हद हो गई जब दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा इस मार्ग से गुजरे तो पोटिया स्थित शासकीय प्राथमिक शाला से 50-60 छोटे बच्चों ने उनका रास्ता रोक लिया और उनसे शिकायत की कि इस मार्ग की जर्जर स्थिति के कारण उनका स्कूल आना-जाना मुश्किल हो गया है। वे जल्द से जल्द इस मार्ग को ठीक कराएं। इस पर विधायक अरुण वोरा ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे जल्द से जल्द इस सड़क का संधारण कराएंगे। उन्होंने मौके से ही लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एसएस मांझी से इस बारे में चर्चा की। जिन्होंने कहा कि एक-दो दिनों के भीतर ही सड़क के गड्ढों को भरकर मार्ग का मरम्मतीकरण कर दिया जाएगा। दीपावली के बाद सड़क के डामरीकरण का काम शुरु कर दिया जाएगा। इस बारे में पीडब्ल्यूडी में बजट आ चुका है। इसी तरह बोरसी व्यापारियों ने विधायक अरुण वोरा से वहां की सड़क की दुर्दशा के बारे में चर्चा की और उन्हें सड़क की स्थिति से अवगत कराया। विधायक अरुण वोरा के साथ नगर निगम के इंजीनियर एआर रहडाल भी थे। जिन्होंने एक-दो दिन के भीतर ही सड़क का मरम्मतीकरण कराने की बात कही। इस दौरान श्री वोरा के साथ नेता प्रतिपक्ष राजेश शर्मा, कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता देवकुमार जंघेल, पार्षदगण लीलाधर पाल, अनुप चंदानिया, भास्कर कुंडले, निगम के सब इंजीनियर ए. आर. रहंगडाले आदि उपस्थित थे।
आज मोदी सेवक रूस के दोरे में जा रहे है। जिस किसी का भी नाम व्यापम घोटाले मे आ जाऐ ऊसको तुरंत 12 रुपये सालाना वाली बिमा करवा देंगे........... और रुसियों के दिल में जगह बना लेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा हम आपको बड़े गर्म जोशी से सिमा पर जवान को गोली मार कर आपको पाकिस्तानियों का दिलदार बना लेंगे ...
चला जाता हूँ रूसियों के दिल में। ..
व्यापम घोटाले की तराने लिए।
भ्रष्टाचारी की मस्ती भरी आँखों में
हज़ारों सपने देश की बर्बादी के लिए।
.
ये मोदी के, नज़ारे हैं, तो ऐसे में.
सुषमा से कैसा इज्जाजत लेना मेरी क़सम
तू लहराती, डगरिया विदेश मंत्री है, तो फिर क्यों न
चलूँ मैं अमित से उम्मीद रख के बहका बहका रूस रे
मेरे जीवन में, ये स्मृति की शाम आई है
घोटाले वाले, ज़माने लिए, वसुंधरा का मजधार छोड़के चला जाता हूँ रूसियों के दिल में
व्यापम घोटाले की तराने लिए।
भ्रष्टाचारी की मस्ती भरी आँखों में
हज़ारों सपने देश की बर्बादी के लिए।
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ये मोदी के, नज़ारे हैं, तो ऐसे में.
सुषमा से कैसा इज्जाजत लेना मेरी क़सम
तू लहराती, डगरिया विदेश मंत्री है, तो फिर क्यों न
चलूँ मैं अमित से उम्मीद रख के बहका बहका रूस रे
मेरे जीवन में, ये स्मृति की शाम आई है
घोटाले वाले, ज़माने लिए, वसुंधरा का मजधार छोड़के चला जाता हूँ रूसियों के दिल में
Friday, July 10, 2015
व्यापम घोटाले के मास्टरमाइंड 74 वर्षीय उप्रीत ने खोला घोटाले का राज..
व्यापम घोटाले में तरह-तरह के ख़ुलासे बता रहे हैं कि कैसे इस मामले में बड़े VIP शामिल रहे। मेडिकल की सीटें 35 लाख और PG की सीटें 1 करोड़ में धड़ल्ले से बिक रहीं थीं।
ग्वालियर की जेल में एक ऐसा शख़्स बंद है जो व्यापम को निजी कॉलेज में DMAT के जरिए हो रही भर्तियों से जोड़ रहा है। 74 साल के योगेंद्र चंद उप्रीत फिलहाल पुलिस का आरोपी है। लेकिन उसे जल्द गवाह बनाया जा सकता है।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक-
उप्रीत 2003-04 के बीच व्यापम में डायरेक्टर की हैसियत से पोस्टेड था। पुलिस की मानें तो वो पूरे मामले का मास्टरमाइंड भी है। हालांकि पुलिस ने अभी उसे सिर्फ़ ऋचा जौहरी के फ़र्ज़ी दाख़िले के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है।
उप्रीत 2003-04 के बीच व्यापम में डायरेक्टर की हैसियत से पोस्टेड था। पुलिस की मानें तो वो पूरे मामले का मास्टरमाइंड भी है। हालांकि पुलिस ने अभी उसे सिर्फ़ ऋचा जौहरी के फ़र्ज़ी दाख़िले के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है।
ग्वालियर SIT प्रमुख वीरेंद्र जैन का कहना है कि ये बहुत बड़ा स्कैम है। कुल मिलाकर व्यापम से जुड़े 57 मामले ग्वालियर में दर्ज हैं। ऋचा जौहरी फ़रार है और उस पर हमने इनाम भी घोषित किया है।
पूछताछ के दौरान उप्रीत ने माना कि निजी कॉलेजों में भी फ़र्ज़ी पीएमटी भर्तियां ख़ूब हुई हैं। मोडस ऑपरेंडी के बारे में उसने बताया कि पीएमटी कोटा से जो भर्ती होती थी वो उसे पैसे देकर खाली करवा लेते थे। छात्र अक्सर हलफ़नामा देकर फ़ीस ज़्यादा होने की दलील देते थे और एडमिशन नहीं लेते थे। बता दें कि सरकारी कॉलेज में इस दाखिले में 80 रुपये एडमिशन के लिए देने होते और वहीं निजी कॉलेजों में 3.5 लाख देने होते थे।
नियम के मुताबिक अगर 30 सितंबर तक छात्र एडमिशन नहीं लेता है तो वे सीट DMAT से या फिर PMT की नीचे की रैंक से भरी जा सकती थी।
पुलिस ने दो ऐसे छात्र भी गिरफ़्तार किए हैं जो दो बार PMT में बैठ चुके थे, जिनका चयन पहली बार में ही हो चुका था।
एक ग्वालियर मेडिकल कॉलेज का छात्र और दूसरा आगरा मेडिकल कॉलेज का है।
एक ग्वालियर मेडिकल कॉलेज का छात्र और दूसरा आगरा मेडिकल कॉलेज का है।
दरअसल निजी कॉलेज में 50 फ़ीसदी PMT के जरिए भर्ती होती थी और 50 फ़ीसदी DMAT के जरिए। उधर, पुलिस उप्रीत की सुरक्षा और सेहत को लेकर चिंतित है। शनिवार देर रात उप्रीत को एम्स से वापस ग्वालियर जेल लाया गया।
बताया जा रहा है कि उसे कैंसर हो चुका है और इलाज के लिए उसे दिल्ली भेजा गया था।
ग्वालियर जेल के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट का कहना है कि जेल प्रशासन उनकी सेहत का पूरा ख्याल रख रहा है। जरूरत पर हर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि उप्रीत अपोलो में इलाज की मांग कर रहा है, लेकिन यहां के डॉक्टरों ने फैसला लिया कि इनका इलाज एम्स में कराया जाए। अगले दो हफ्तों में भी एम्स में भेजा जाएगा।
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